
सहारनपुर विकास प्राधिकरण का भ्रष्टाचार उजागर: हाजी शराफत की अवैध कॉलोनी पर शोएब आलम की चुप्पी – लाखों का राजस्व डकारा गया
सहारनपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का बोलबाला: जोन 12 में हाजी शराफत की अवैध कालोनी फल-फूल रही, अवर अभियंता शोएब आलम पर मिलीभगत के गंभीर आरोप
सहारनपुर विकास प्राधिकरण (एसडीए) में भ्रष्टाचार, लापरवाही और मिलीभगत का खेल चरम पर है। जोन 12 के खानआलमपुरा में शाहजहानी मस्जिद के पास हाजी शराफत द्वारा काटी गई अवैध कॉलोनी इसका सबसे बड़ा सबूत है। यह कॉलोनी तीन बीघा भूमि पर बनी है, जिस पर विभाग ने पहले बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की थी और कॉलोनी मालिक को सख्त निर्देश दिए थे कि बिना नक्शा पास कराए न तो कोई प्लॉट बेचा जाएगा और न ही कोई निर्माण होगा, लेकिन आज वही कॉलोनी फिर से जीवित हो गई है और खुलेआम पक्के मकान खड़े किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि एसडीए की नाक के नीचे यह अवैध निर्माण किसकी शह पर जारी है और जवाब साफ है कि जोन 12 के अवर अभियंता शोएब आलम की चुप्पी और मिलीभगत के बिना यह संभव ही नहीं। विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है और अवैध कॉलोनी मालिक मजे से नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। कुछ समय पहले इसी एसडीए के अवर अभियंता रवींद्र श्रीवास्तव रिश्वतखोरी कांड में पकड़े गए थे, उस समय लगा था कि विभाग अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करेगा, लेकिन स्थिति जस की तस है और अब शोएब आलम के जिम्मे वाले क्षेत्र में हाजी शराफत की अवैध कॉलोनी फल-फूल रही है और विभाग की कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है। हाजी शराफत और अन्य अवैध कॉलोनी मालिक आवासीय भवनों के 100 वर्ग मीटर तक के निर्माण पर नक्शा पास कराने की छूट का हवाला देकर निर्माण कर रहे हैं, लेकिन यह छूट सिर्फ उन्हीं कॉलोनियों में मान्य है जिन्हें एसडीए से विधिवत स्वीकृति प्राप्त है, जबकि हाजी शराफत की कॉलोनी पूरी तरह अवैध है और इसमें हो रहा हर निर्माण गैरकानूनी है। फिर भी शोएब आलम ने अब तक कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं कराई। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना अधिकारियों की जेबें गर्म किए अवैध कॉलोनियों का संचालन संभव ही नहीं है और नागरिकों का सीधा आरोप है कि जोनल अधिकारी, अवर अभियंता शोएब आलम और उच्च स्तर पर बैठे अधिकारी इस गोरखधंधे में शामिल हैं। जनता के सामने यह सवाल खड़े हैं कि जब विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई, क्या शोएब आलम इस अवैध निर्माण से आंखें मूंदकर संरक्षण दे रहे हैं और क्या रवींद्र श्रीवास्तव के रिश्वत कांड की तरह अब यह भी एक नया घोटाला साबित होगा। स्पष्ट है कि सहारनपुर विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है और हाजी शराफत की कॉलोनी इस भ्रष्ट सिस्टम का प्रतीक बन चुकी है, जहां अधिकारी जनता और शासन को धोखा देकर अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहे हैं। यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला न केवल विभाग की साख को मिट्टी में मिला देगा बल्कि शहर के नियोजित विकास को भी बर्बाद कर देगा और अब जिम्मेदारी एसडीए उपाध्यक्ष और जिलाधिकारी पर है कि वे अवर अभियंता शोएब आलम सहित संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच कराएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें। रिपोर्ट : एलिक सिंह
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🚨 यूपी में महिला पुलिस का पहला एनकाउंटर – गाजियाबाद में महिला पुलिसकर्मियों का शौर्य! 🚨
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार महिला पुलिसकर्मियों ने अकेले ही मुठभेड़ कर अपराधी को ढेर किया। गाजियाबाद की महिला पुलिस टीम ने वाहन चोर को पकड़ने के दौरान साहसिक कार्रवाई करते हुए गोली मारकर घायल कर दिया।
विशेष बात यह रही कि इस मुठभेड़ में कोई भी पुरुष पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। अपराधी को गोली लगने के बाद महिला पुलिसकर्मी ने मानवता और कर्तव्य दोनों का परिचय देते हुए घायल आरोपी को अपने कंधे पर उठाकर पुलिस वाहन तक पहुँचाया।
यह घटना न केवल महिला पुलिस की बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म को दर्शाती है बल्कि यह भी साबित करती है कि कानून व्यवस्था संभालने और खतरनाक अपराधियों का सामना करने में महिलाएँ किसी भी तरह से पीछे नहीं हैं।
👉 यह मुठभेड़ आने वाले समय में यूपी पुलिस और खासतौर पर महिला पुलिस बल के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। रिपोर्ट : एलिक सिंह
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